Aatma jaag gyi lyrics आत्मा जाग गई भजन लिरिक्स हंसराज रघुवंशी जी का गाया हुआ है। इस भजन के बोल नीचे लिखें है:
शिवाय… शंकरा…. शंकरा…… शंकरा…
ऐसा भोले ने डमरू बजाया – २ आत्मा जाग गई,
नाद ओंकार का यूं सुनाया,
नाद बम बम का मुझको सुनाया, आत्मा जाग गई,
शिव की जटा में थी गंग-धारा, धो गई मैल जो मन का सारा,
शम्बू…
शिव की जटा में थी गंग-धारा, धो गई मैल जो मन का सारा,
मैनें गंगा में, मैने गंगा में गोता लगाया, आत्मा जाग गई..
ऐसा भोले ने डमरू बजाया, आत्मा जाग गई – २
भोले की बारात का नयौता, बाबा भोले नाथ का नयौता – २
ले के चंदा मेरी छत पे आया, आत्मा जाग गई..
ऐसा भोले ने डमरू बजाया, आत्मा जाग गई – २
नींद कई जनमों की टूटी, शिव ने पिला के प्रेम की बूटी,
शिव शिव शिव शिव शंम्भू…
नींद कई जनमों की टूटी, शिव ने पिला के प्रेम की बूटी,
मुझे कैलाश पे, आपने हाथों से अमृत पिलाया, आत्मा जाग गई..
ऐसा भोले ने डमरू बजाया, आत्मा जाग गई – २
गौरी साथ मेरे भोले के, कोमल हाथ मेरे भोले के – २
हाथ सर पे मेरे जब घुमाया, आत्मा जाग गई..
ऐसा भोले ने डमरू बजाया, आत्मा जाग गई – ३
आशा है आपको हंसराज रघुवंशी जी का यह शिव भजन लिरिक्स पसंद आपको पसंद आया होगा और भजन पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें और हमारा यूट्यूब चैनल सब्सकराईब करना न भूले।
Aatma jaag gyi lyrics
Shviaay… Shankra… Shankra… Shankra..
Aisa bhole ne damru bajaya – 2 Aatma jaag gyi,
naad omkar ka yu sunaya,
naad bam bam ka yu sunaya, Aatma jaag gyi..
Shiv ki jata me thi gang-dhara, dho gyi mail jo man ka sara,
Shambhu…
Shiv ki jata me thi gang dhara, dho gyi mail jo man ka sara,
Maine Ganga me, maine ganga me gota lagaya, aatma jaag gyi…
Aisa bhole ne damru bajaya, aatma jaag gyi – 2
Bhole ki barat ka nyota, baba bhole naath ka nyota – 2
le ke chanda meri chhat pe aaya, aatma jaag gyi..
Aisa bhole ne damru bajaya, aatma jaag gyi – 2
Neend kayi janmo ki tooti, Shiv ne pila ke prem ki booti,
Shiv Shiv Shiv Shiv, Shambhu…
Neend kayi janmo ki tooti, Shiv ne pila ke prem ki booti,
Mujhe Kailaash pe, Apne haatho se Amrit pilaya, Aatma jaag gyi.>
Aisa bhole ne damru bajaya, aatma jaag gyi – 2
Gauri saath mere bhole ke, komal haath mere bhole ke – 2
haath sir pe mere jab ghumaya, Aatma jaag gyi,
Aisa bhole ne damru bajaya, aatma jaag gyi – 3