dene se pehle kya kabhi lyrics देने से पहले क्या कभी सोचा है साँवरे लिरिक्स भजन संजय मित्तल जी द्वारा गाया गया है। इस भजन के बोल नीचे लिखे हैं:
देने से पहले क्या कभी, सोचा है साँवरे,
कर्जा भी क्या गरीब का, चुकता है साँवरे,
देने से पहले क्या कभी, सोचा है साँवरे..
खुशियाँ हैं मेरे पास जो, कर्जा है आप का,
रहमो कर्म है आपका, अहसान आपका,
कदमों में सर हमारा, झुकता हैं साँवरे..
कर्जा भी क्या गरीब का, चुकता है साँवरे..
देने से पहले क्या कभी, सोचा हैं साँवरे..
आँखे हमारी शर्म से, उठती कभी नहीं,
जो भी लिया है आपसे, वापिस किया नहीं,
फिर भी न जाने क्यू मुझे, देता है साँवरे..
कर्जा भी क्या गरीब का, चुकता है साँवरे..
देने से पहले क्या कभी, सोचा हैं साँवरे..
किरपा हुई है आपकी, करते हैं शुक्रिया,
बनवारी इस गरीब को, क्या क्या नहीं दिया,
इतना भी क्या कभी कोई, करता है साँवरे,
कर्जा भी क्या गरीब का, चुकता है साँवरे..
देने से पहले क्या कभी, सोचा हैं साँवरे..
देने से पहले क्या कभी, सोचा है साँवरे,
कर्जा भी क्या गरीब का, चुकता है साँवरे,
देने से पहले क्या कभी, सोचा है साँवरे..
Singer: Sanjay Mittal
Dene se pehle kya kabhi lyrics:
dene se pehle kya kabhi, socha hai Sanwre,
Karja bhi kya gareeb ka, chukta hai Sanwre,
dene se pehle kya kabhi, socha hai Sanwre,
Khushiyan hai mere pass jo, karja hai apka,
rehmo karam hai apka, ehsaan apka,
kadmo me sar hamara, jhukta hai Sanwre,
Karja bhi kya gareeb ka, chukta hai Sanwre,
dene se pehle kya kabhi, socha hai Sanwre,
Ankhein hamri sharam se, uthti kabhi nhi,
Jo bhi liya hai apse, vapis kiya nhi,
Fir bhi na jaane kyu mujhe, deta hai Sanwre..
Karja bhi kya gareeb ka, chukta hai Sanwre,
dene se pehle kya kabhi, socha hai Sanwre,
Kirpa huyi hai apki, karte hain Shukriya,
Banvari is garib ko, kya kya nhi diya,
Itna bhi kya kabhi koi, karta hai Sanwre..
Karja bhi kya gareeb ka, chukta hai Sanwre,
dene se pehle kya kabhi, socha hai Sanwre,
dene se pehle kya kabhi, socha hai Sanwre,
Karja bhi kya gareeb ka, chukta hai Sanwre,
dene se pehle kya kabhi, socha hai Sanwre,