सभी भक्तों को राधे – राधे। आरती कुंज बिहारी की लिरिक्स इन हिंदी (आरती कुंजबिहारी की) एक पवित्र मंत्र (कृष्ण जी आरती लिरिक्स) है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करने के लिए गाया जाता है। यह आरती इतनी शक्तिशाली मानी जाती है कि कोई भी पूजा/अर्चना इस आरती के बिना पूर्ण नहीं मानी जाती। आरती को हरिहरन ने गाया है और इसे टी-सीरीज़ म्यूजिक लेबल के तहत रिलीज़ किया गया है। ‘आरती कुंज बिहारी की लिरिक्स ।। Aarti Kunj Bihari ki Lyrics’ आप के सामने लिरिक्स के रूप में प्रस्तुत है:
आरती कुंंज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,
आरती कुंंज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला,
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला,
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली,
लतन में ठाढे बनमाली,
भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक..
चंद्र सी झलक..
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की..
आरती कुंंज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,
आरती कुंंज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की..
कनकमय मोर मुकुट बिलसे,
देवता दर्शन को तरसें,
गगन सों सुमन रासि बरसे,
बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग,
ग्वालिनी संग..
अतुल रति गोप कुमारी की..
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की..
आरती कुंंज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,
आरती कुंंज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की..
जहाँ ते प्रगट भई गंगा,
सकल मल हारिणि श्री गंगा,
स्मरन ते होत मोह भंगा,
बसी शिव शीश, जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरण छवि श्री बनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की..
आरती कुंंज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,
आरती कुंंज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की..
चमकती उज्जवल तट रेनू,
बज रही वृन्दावन वेनू,
चहूं दिशि गोपी ग्वाल धेनू,
हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुनु दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की..
आरती कुंंज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,
आरती कुंंज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की..
आरती कुंंज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की..
आशा करते हैं कि आपको भजन अच्छा लगा होगा, श्री कृष्ण जी के भजनों से उनको रिझाते रहें और हमारा यूट्यूब चैनल जरूर सबस्कराईब करना। आप सभी प्रेमीयों को जय श्री श्याम। राधे राधे🙌🙌
Aarti Kunj Bihari ki Lyrics
Aarti kunj bihari ki, Shree giridhar Krishan murari ki – 2
Gale me baijanti mala, bajave murali madhur bala,
Shravan me Kundal jhalkala, Nand ke anand nandlala,
Gagan sam ang kaanti kaali, Radhika chamak rahi aali,
latan me dhaade banmali, bharmar si alak, kasturi tilak,
chandar si jhalak.. lalit shavi Shyama pyari ki..
Shree giridhar Krishan murari ki..
aarti kunj bihari ki, Shree giridhar Krishan murari ki – 2
Kanakmay mor mukut bilse, Devta darshan ko tarse,
Gagan so suman rasi barse, baje murchang, madhur mirdhang,
gwalini sang, atul rati gop kumari ki, Shree giridhar Krishan murari ki..
aarti Kunj bihari ki, Shree giridhar Krishan murari ki – 2
Jaha te pragat bhyi ganga, Sakal mal harini Shree ganga,
Samran te hot moh bhanga, Basi Shiv sheesh, jata ke beech,
hare agh keech, Charan shavi Shree banvari ki, Shree giridhar Krishan murari ki..
Aarti kunj bihari ki, Shree giridhar Krishan murari ki – 2
Chamakati ujjwal tat renu, Baj rhi Varindavan venu,
Chahu dishi gopi gawal dhenu,
hansat mrudu mand, chandni sang,
katat bhav fand, ter suno deen dukhari ki.. Shree giridhar Krishan murari ki,
Aarti kunj bihari ki, Shree giridhar Krishan murari ki – 2
Aarti kunj bihari ki, Shree giridhar Krishan murari ki – 2